THE GREATEST GUIDE TO BEST HINDI STORY

The Greatest Guide To best hindi story

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राजू दूसरी क्लास में पढ़ता है। उसकी मैडम ने मक्खियों के कारण फैलने वाले बीमारी को बताया।

सिद्धेश्वरी ने खाना बनाने के बाद चूल्हे को बुझा दिया और दोनों घुटनों के बीच सिर रखकर शायद पैर की उँगलियाँ या ज़मीन पर चलते चीटें-चींटियों को देखने लगी। अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी हैं। वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी अमरकांत

चिट्ठी-डाकिए ने दरवाज़े पर दस्तक दी तो नन्हों सहुआइन ने दाल की बटली पर यों कलछी मारी जैसे सारा कसूर बटुली का ही है। हल्दी से रँगे हाथ में कलछी पकड़े वे रसोई से बाहर आई और ग़ुस्से के मारे जली-भुनी, दो का एक डग मारती ड्योढ़ी के पास पहुँची। “कौन है रे!” शिवप्रसाद सिंह

राजा का दर्द – The Royal Toothache – Colouring and hygiene Hindi – The king in the jungle is possessing a really distressing toothache, he asks the opposite animals for assist but They're all scared of him. Hopeless, he lies in soreness until finally he satisfied a small mouse. That Regardless that how compact he …

दो चूहे – Two Mice Hindi A mouse went out for an experience and satisfies a peculiar mouse or so he called himself. The mouse then went on to indicate and check out to make this so identified as mouse verify him self if he is as mousy as he claimed being. So on they went, …

एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने check here चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद

आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी

वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद

मंदिर के बाहर कुछ लड़कों ने उसे पकड़ लिया।

शांति ने ऊब कर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क

निस्वार्थ भाव से व्यक्ति को मित्रता करनी चाहिए। संकट में मित्र ही काम आता है।

लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश को यह सब अच्छा नहीं लगता था।

ज्ञानरंजन ने अपनी 'घंटा' और 'बहिर्गमन' जैसी कहानियों के माध्यम से हिंदी कहानी लेखन को एक ऐसा नया गद्य दिया जिसकी मार और व्यंजना मध्यवर्गीय पात्रों के जीवन के तमाम विरोधाभासों को अभिव्यक्त करने का भाषिक हुनर कथाकारों को दिया.

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

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